Headlines
मेले में योगदान देने वाले कर्मी और छात्र -छात्राओं का हुआ सम्मान
जलवायु संकट अभी भी मुद्दा नहीं
यात्रा और पर्यटन बना महिला समूहों की आर्थिकी का आधार
कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें
ये काली काली आंखें सीजन 2 ने प्यार की ताकत का पढ़ाया पाठ- श्वेता त्रिपाठी
दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आंकड़े निकलकर आए सामने
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन- अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए युवती को किया गया रिहा
केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद

भारतीय छात्रों को मुश्किल

कनाडा ने पिछले साल भारतीयों को कम स्टडी वीजा जारी किए। 2022 के मुकाबले पिछले साल की चौथी तिमाही में 86 फीसदी कम छात्र वीजा जारी हुए। 2022 में 1,08,940 वीजा जारी हुए थे, वहीं 2023 की इस अवधि में मात्र 14,910 वीजा जारी हुए। पिछले साल जब कनाडा सरकार को करारा जवाब देने के लिए भारत ने उसके राजनयिकों को देश से निकाला, तभी यह अंदेशा पैदा हो गया था कि इसकी कीमत कनाडा में पढ़ाई करने को इच्छुक भारतीय छात्रों को चुकानी पड़ सकती है। अब इस अंदेशे की पुष्टि हो गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक विवाद शुरू होने के बाद कनाडा पढऩे जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है। कनाडा ने पिछले साल भारतीयों को कम स्टडी वीजा जारी किए। 2022 के मुकाबले पिछले साल की चौथी तिमाही में 86 फीसदी कम छात्र वीजा जारी हुए। 2022 की चौथी तिमाही में 1,08,940 वीजा जारी किए गए थे, वहीं 2023 में इसी अवधि में मात्र 14,910 वीजा जारी हुए। भारत ने कनाडा के जिन राजनयिकों को अपने यहां से निष्कासित किया था, उनमें वीजा जारी करने वाले अधिकारी भी शामिल थे। कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि निकट भविष्य में हालात में कोई सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि भारत से आने वाली अर्जियों को निपटाने की कनाडा की क्षमता भारत के साथ बिगड़े रिश्तों के कारण आधी हो गई है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद तब पैदा हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ हो सकता है। निज्जर कनाडा का नागरिक था। कनाडा सरकार ने अपने दावे के समर्थन में सार्वजनिक तौर पर कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं कराया है। लेकिन उसका दावा है कि उसके पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं। भारत ने कनाडा के आरोप का खंडन किया था। जवाबी कार्रवाई के तौर पर कनाडा के राजनयिकों को निकाला गया था। लेकिन कुछ महीनों बाद वैसा ही आरोप अमेरिका ने भी भारत पर लगा दिया। तब भारत की प्रतिक्रिया अलग किस्म की रही और उस आरोप की भारत में जांच कराई जा रही है। गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत से कनाडा की जांच में भी सहयोग करने को कहा था। बहरहाल, तब भारत ने जो रुख तय किया, उसका खामियाजा भारतीय छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top