Headlines
ये जीत केदारनाथ क्षेत्र के जन-जन की जीत- रेखा आर्या
महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंड जीत सनातन की जीत- महाराज
‘ब्रांड मोदी’ के साथ लोगों के दिलों में तेजी से जगह बनाता ‘ब्रांड धामी’
डीआरआई की बड़ी कार्रवाई, मुंबई हवाई अड्डे पर 3496 ग्राम कोकीन के साथ एक संदिग्ध को किया गिरफ्तार
तमन्ना भाटिया की ‘सिकंदर का मुकद्दर’ का ट्रेलर जारी, 29 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी फिल्म
केदारनाथ उपचुनाव- भाजपा की ऐतिहासिक विजय और विपक्ष के झूठ की करारी हार
यूपीसीबी ने बिना अनुमति के चल रहे 49 होटलों को किए नोटिस जारी
खेल मंत्री रेखा आर्या ने खुद राफ्टिंग कर राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का किया निरीक्षण
ठंड के मौसम में संतरे खाइए और रहिए हेल्दी, बस जान लें खाने का सही समय

आरजी कर केस- डॉक्टरों ने सरकार को मांगें पूरी नही होने पर अनिश्चीतकालीन हड़ताल की दी चेतावनी

आरजी कर मामले में पिछले दो महीनों से चल रहा डॉक्टरों का आंदोलन 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सोमवार तक उनकी दस सूत्रीय मांगें नहीं मानी गईं तो मंगलवार से वे फिर से अनिश्चीतकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। जूनियर डॉक्टरों ने वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक के बाद सरकार को यह चेतावनी दी। जूनियर डॉक्टर देवाशीष हालदार ने कहा, हमने राज्य सरकार को मांगें मानने के लिए समय सीमा दी है। गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टर दस मांगों को लेकर पिछले 14 दिनों से ‘आमरण अनशन’ पर बैठे हैं।

आरजी कर मामले में न्याय और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव की मांग को लेकर पिछले दो महीनों से डॉक्टरों का आंदोलन चल रहा है। इस बीच, छह जूनियर डॉक्टर अनशन करते हुए बीमार पड़ चुके हैं। अभी भी अस्पताल में पांच डॉक्टर भर्ती हैं। इस स्थिति में आंदोलन का अगला कदम क्या होना चाहिए, यह तय करने के लिए शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की।

उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा और महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने और डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की भी मांग की। डॉक्टरों की भूख हड़ताल की शुरुआत पांच अक्तूबर को हुई, जो दो चरणों में लगभग 50 दिनों के ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top