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केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट एक्ट 2025 को अधिवक्ता विरोधी होने के विरोध में लोनी बार एसोसिएशन ने महामहिम के नाम ज्ञापन 

गाजियाबाद। निवेदन है कि केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट एक्ट 2025 को पास करने से पूर्व उसमें किए गए संशोधनों के लिए सभी देश के अधिवक्ताओं से सुझाव राय मांगी गई है केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट एक्ट 2025 में संशोधन किए गए हैं वह पूर्ण से अधिवक्ता विरोधी व सरकार की अधिवक्ता दमनकारी नीति की और इशारा करते हैं । क्योंकि अधिवक्ता ही सरकार की गलत नीतियों एवं निर्णय के विरोध वाद कार्यों के माध्यम से पी आई एल के माध्यम से समक्ष न्यायालय में वाद योजित करते हैं ।

अधिवक्ताओं को अपने अधिकारों की ढलाई के लिए हड़ताल पर पूर्णतया रोक लगाई गई है । जो कि पूर्णतः विधि विरुद्ध है और अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों का भी हनन है ।

कोई भी वादी झूठा प्रार्थना पत्र अधिवक्ता के विरुद्ध दे देता है तो उसमें अधिवक्ता पर तीन लाख तक का जुर्माना अन्य प्रावधान किए गए हैं जो की विधि के विरुद्ध हैं ।

उपरोक्त संशोधन बिल में न्यायपालिका को अधिवक्ता के ऊपर कंटेंप्ट लगाने की असीम शक्ति दी गई है । जो की पूर्णतया विधि के विरुद्ध है ।अतः एक्ट में जो भी संशोधन किए गए हैं, वह पूर्णतया उचित नहीं है ।जिसकी ने तो किसी बार काउंसिल द्वारा डिमांड की गई है, और नहीं किसी या संगठन द्वारा डिमांड की गई है ।
यह है कि उपरोक्त संशोधन बिल सरकार अपने भ्रष्टाचार पर अपनी दोषपूर्ण नीतियों को छिपाने के लिए और अधिवक्ता की आवाज को दबाने कुचलना के उद्देश्य से किया जा रहा है । जिसका गाजियाबाद के साथ-साथ राज्य में संपूर्ण भारतवर्ष का अधिवक्ता समाज पूर्णतया विरोध करता है और उक्त बिल को तत्काल वापस लिया जाए । अन्यथा अधिवक्ता समाज एक नई क्रांति के लिए एकजुट होकर सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के अधिकारों पर किए जा रहे कुठाराघात को, संरक्षण के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए विवश होगा ।

अतः श्रीमान जी से निवेदन है प्रार्थना है कि केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट एक्ट 2025 को अधिवक्ता विरोधी होने के कारण तत्काल वापस लिया जाए । अधिवक्ताओं के अधिकार को संरक्षण करने व निर्णय निर्मित तहसील लोनी में अधिवक्ताओं के लिए 300 चैंबरों की भूमि सुरक्षित करते हुए वह वेलफेयर संबंधी योजना बनाई जाए । अधिवताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा संबंधी योजना आयुष्मान 10 लाख तक का इलाज मुफ्त किया जाए ।आदि योजनाओं को लागू करने के आदेश पारित करने की कृपा करें ।

संबंधित सभी अधिवक्ता गण तहसील लोनी बार एसोसिएशन गाजियाबाद उत्तर प्रदेश ।

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