Headlines
यूपी निर्माण निगम को गुणवत्ताहीन निर्माणाधीन आईटीआई भवनों के मामले में नोटिस जारी
प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज सही है या नहीं, जानें क्या है पूरा सच
अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ब्लाक प्रमुखों एवं ग्राम प्रधानों को भी मिल सकती है प्रशासक की जिम्मेदारी
59 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए करें आवेदन
कांग्रेस को ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, सैकड़ो मरीजों ने लिया स्वास्थ्य लाभ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2024 किए प्रदान
शिक्षा विभाग में तैनात होंगे 599 और अतिथि शिक्षक

प्रदर्शनकारी किसान राजमार्गों को न करे बाधित- सुप्रीम कोर्ट

किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर किया जाएगा विचार 
किसानों की ये हैं मांगें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं से कहा कि ‘वे प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्गों को बाधित न करने और लोगों को असुविधा न पहुंचाने के लिए मनाएं।’ दरअसल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की सदस्यता वाली पीठ ने सुनवाई की।
पीठ ने कहा कि ‘हमने देखा कि उन्हें (डल्लेवाल) रिहा कर दिया गया है और उन्होंने शनिवार को एक साथी प्रदर्शनकारी को भी आमरण अनशन समाप्त करने के लिए राजी किया है’। पीठ ने कहा कि किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को अदालत ने नोट कर लिया है और इन पर विचार किया जा रहा है। पीठ ने याचिकाकर्ता डल्लेवाल की वकील से कहा कि ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन इससे लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
किसानों का विरोध सही या गलत, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।’ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ‘डल्लेवाल प्रदर्शनकारियों को कानून के तहत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजी कर सकते हैं ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो।’ पीठ ने कहा कि इस समय वे डल्लेवाल की याचिका पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन वे बाद में संपर्क कर सकते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र पर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है। एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top