Headlines
यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा ने किया बड़ा ऐलान 
हर्ष फायरिंग के दौरान नौ वर्षीय बच्चे को लगी गोली, मौके पर हुई मौत 
अपने सपनों के आशियाने की तलाश में हैं गायिका आस्था गिल
केदारनाथ विधानसभा सीट पर मिली जीत से सीएम धामी के साथ पार्टी कार्यकर्ता भी गदगद
जंक फूड खाने वाले सावधान, खतरे में आपका दिल-दिमाग, कमजोर हो सकती है याददाश्त
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 116वें एपिसोड को किया संबोधित
क्या शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध? व्लादिमीर पुतिन की धमकी और बढ़ता वैश्विक तनाव
जनता के लिए खुलेगा दून का ‘राष्ट्रपति आशियाना’
प्रदेश के खेल इंफ़्रास्ट्रक्चर में मील का पत्थर साबित होगा लेलू में बन रहा बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल – रेखा आर्या

सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज के हिजाब, बुर्का और नकाब के प्रतिबंध पर लगाई आंशिक रोक, छात्राओं को दी स्वतंत्रता

मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के एक कॉलेज द्वारा जारी परिपत्र पर आंशिक रूप से रोक लगा दी, जिसमें कॉलेज परिसर में ‘हिजाब, बुर्का और नकाब’ पहनने पर पाबंदी लगाई गई थी। अदालत ने इस फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि छात्राओं को यह चयन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह क्या पहनें।

कोर्ट ने एजुकेशन सोसाइटी को जारी किया नोटिस
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने ‘एन जी आचार्य और डी के मराठे कॉलेज’ चलाने वाली ‘चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी’ को नोटिस जारी किया और 18 नवंबर तक जवाब तलब किया है। अदालत ने यह भी कहा कि शैक्षिक संस्थान छात्राओं पर अपनी पसंद को नहीं थोप सकते।

धार्मिक आस्था के प्रदर्शन पर सवाल
पीठ ने कॉलेज प्रशासन से कहा कि अगर उनका इरादा छात्राओं की धार्मिक आस्था के प्रदर्शन पर रोक लगाना था, तो उन्होंने ‘तिलक’ और ‘बिंदी’ पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया। अदालत ने कहा कि छात्राओं को यह चयन करने की आजादी होनी चाहिए कि वे क्या पहनें और कॉलेज उन पर दबाव नहीं डाल सकता।

दुरुपयोग मामलों में अदालत का दरवाजा खटखटाने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने एजुकेशनल सोसायटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील माधवी दीवान से पूछा कि क्या छात्रों के नाम से उनकी धार्मिक पहचान उजागर नहीं होती? हालांकि, पीठ ने कहा कि छात्राओं को कक्षा के अंदर बुर्का पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती, न ही परिसर में किसी भी धार्मिक गतिविधि की।

पीठ ने कहा कि उसके अंतरिम आदेश का किसी के द्वारा दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और किसी भी दुरुपयोग के मामले में ‘एजुकेशनल सोसायटी’ और कॉलेज को अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी।

हिजाब बैन की वजह से आ रही थी दिक्कतें
सुप्रीम कोर्ट बंबई हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कॉलेज परिसर के अंदर हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेस और वकील अबिहा जैदी ने कहा कि प्रतिबंध के कारण छात्राएं कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top