Headlines
चारधाम यात्रा में उमड़ा भक्तों का सैलाब, अब तक 28 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
बॉक्स ऑफिस पर धीमी हुई ‘हाउसफुल 5’ की रफ्तार, जानिए फिल्म का अब तक का टोटल कलेक्शन
प्रदेश के लिए मेडल जीतते ही नौकरी तैयार मिलेगी- रेखा आर्या
भू-कानून उल्लंघन पर जिला प्रशासन की सख्ती, अब तक 900 बीघा जमीन सरकार में निहित
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने सीएम धामी से की शिष्टाचार भेंट
कैंची धाम बाईपास परियोजना फिर अटकी, वन विभाग ने लौटाई फाइल
उत्तराखंड में मौसम का बदला रुख, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
पूरी नींद लेने के बाद भी दिनभर थकान और सुस्ती क्यों? आइये जानते हैं इसकी असली वजह
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ईरान को खुली चेतावनी, कहा- “परमाणु खतरे को हर हाल में खत्म करेंगे”

मानसून सत्र में नीट पेपर लीक मुद्दे पर जमकर हुआ हंगामा, राहुल गांधी ने कहा- भारत की परीक्षा प्रणाली बकवास

विपक्ष ने नीट पेपर लीक मुद्दे पर सरकार को खूब घेरा

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने विपक्ष के नेता को दिया जवाब 

नई दिल्ली। लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान नीट पेपर लीक मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर खूब घेरा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश के लाखों छात्रों से जुड़े मुद्दे पर कुछ नहीं हो रहा है। यह बेहद चिंता का विषय है। भारत की परीक्षा प्रणाली बकवास है। विपक्ष के नेता के इस बयान की केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने निंदा की। उन्होंने शिक्षा सुधार के लिए 2010 में कांग्रेस सरकार की ओर से लाए गए बिल को लेकर पलटवार किया। सदन में नीट के मुद्दे को उठाते हुए नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत की परीक्षा प्रणाली धोखे से भरी है।

लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर नीट पेपर लीक होना सिस्टम की चूक थी तो उसे सुधारने के लिए क्या किया गया? मंत्री खुद को छोड़कर सबको दोषी ठहरा रहे हैं। लाखों छात्र परेशान हैं कि देश में क्या चल रहा है। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं देश की परीक्षा प्रणाली को बकवास कहने की निंदा करता हूं। जिन्होंने रिमोट से सरकार चलाई है। 2010 में कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार को लेकर तीन बिल लाए थे। जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुचित प्रथाओं जैसे कैपिटेशन शुल्क की मांग करना, योग्यता बिना छात्रों को प्रवेश देना, शुल्क की रसीद जारी न करना, छात्रों को गुमराह करने से रोकना शामिल था।

तो किसके दबाव में कांग्रेस सरकार और नेता विपक्ष ने बिल लागू नहीं होने दिया  और हमसे प्रश्न पूछते हैं। हमारी सरकार परीक्षा प्रणाली को बेहतर करने और निजी संस्थानों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुधार के काम हो रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top